जाने कितने दिन तुम बिन बीते ,,,
तन्हा ख़त पढता रहता हु,,,
हाँ चांदनी इन रातो में
बजती है पायल की छम छम
कुछ मन में मेरे है खालीपन ,,,
क्या??????? इतना सुन्दर है जीवन,,
लोगो की प्रेमकहानी है,,
उसमे मदमस्त जवानी है ,,,
कुछ नगमे है ,,,कई वादे है ,,,
जब खुद से मैं बाते करता हु ,,,,
जैसे रोता है मेरा बचपन ,,,,
क्या??????? इतना सुन्दर है जीवन,,
क्या सपने भी सच होते है ,,,
क्या वो भी अपने होते है ,,,,,
या पैसा ही सब कुछ होता है,,,
पैसे से सपने मिलते है ,,,
या खोये बचपन मिलते है ,,,,
बस यही सोचकर हाँ मैं भी ,,,
जाने क्यों भटके पागल मन
क्या??????? इतना सुन्दर है जीवन,,
क्या??????? इतना सुन्दर है जीवन,,

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