महफिले छोड़ दी हमने,,,,,,,लेकिन मेरी तन्हाई में भी हो तुम,,,
कई खुशियों को छोड़ा हमने,,,,,लेकिन मेरे हर गम में हो तुम ,,,,,
बस यादे तुम्हारी है,,,,,,,,,, बस बाते तुम्हारी है,,,,,,
वही लहराता आँचल है,,,,लेकिन मेरे संग अब नही हो तुम,,,,,,,,
कुछ दूर तो चले आये हम ,,,,लेकिन तुझसे दूर नही हो पाए हम,,,,,
उन्ही गलियों में शामो सहर,,,,,,हम घुमते रहते है,,,,,,,,,,,
थकती आँखों से हर पल,,,,,तुझको ही ढूंढते रहते है,,,,,,,,
लेते जब जब करवट हम,,,,,,,तकिये को देखते रहते हैं,,,,,,,
सिलवटे ही जो दिखती ,,,,,जिनमे यादे तुम्हारी है,,,,,,,
बस यही याद कर करके,,,,,,,,,,,,,हो जाती आंखे मेरी नम,,,,,,,,,
कुछ दूर तो चले आये हम ,,,,लेकिन तुझसे दूर नही हो पाए हम,,,,,

0 comments:
Post a Comment