मा
और
पिता
ये हमारे ही नही अपितु संपूर्ण संसार में पूजनीय है और इनकी तुलना किसी से नही की जा सकती
जो भी मनुष्य अपने माता पिता का अनादर करता है उससे बड़ा और बेरहेम अपराधी कोई नही है
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधुस्च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविदम त्वमेव
त्वमेव सर्वम मम देव देव

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