Monday, October 24, 2016
ख़्वाबों का आशियाँ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
रेत के ढेर पर हमने आज
ख़्वाबों का आशियाना बनाया था
कुछ हवा के मद्धम झोको ने
रह रह कर कहर ढाया था
कुछ अवशेष जरूर बचे थे
मेरे मन के कोने में मगर
पानी की उन भयावह लहरों ने
मुझको कितना सताया था
अब कुछ तिनके ही है
मेरी मुट्ठी में
वो भी भीग गये
मेरी नम आँखों के प्रवाह में
तिनका तिनका भी बह गया
समय की गुजरी हुई रफ़्तार में
ख़्वाबों का आशियाना बनाया था
कुछ हवा के मद्धम झोको ने
रह रह कर कहर ढाया था
कुछ अवशेष जरूर बचे थे
मेरे मन के कोने में मगर
पानी की उन भयावह लहरों ने
मुझको कितना सताया था
अब कुछ तिनके ही है
मेरी मुट्ठी में
वो भी भीग गये
मेरी नम आँखों के प्रवाह में
तिनका तिनका भी बह गया
समय की गुजरी हुई रफ़्तार में
Friday, October 21, 2016
क्यों मैं अपने आपसे अनभिज्ञ हु

क्यों मैं अपने आपसे अनभिज्ञ हु
क्यों कई सवालों की क़ैद में खुद को पाता हु
क्या तेरा है क्या मेरा है
जाने इस भवर में ही उलझा जाता हु
कितने लम्हों की ये जिन्दगी है
ये कोई नही जानता है
फिर भी मैं का अहं
जाने क्यों परेशान सा है
इसी कसमकस में
सबकी दुनिया वीरान सी है
मैं तुमसे लड़ता हु
तुम किसी और से
और किसी और से
क्यों इतने समझदार होकर भी
हर लम्हा तन्हा बिताता हु
क्यों मैं अपने आपसे अनभिज्ञ हु
क्यों कई सवालों की क़ैद में खुद को पाता हु
इंसानियत क्या है
क्यों ये दिन बदिन धुंधली हो रही
क्यों ये विस्वास की नदी
हर पल सिकुड़ रही
क्यों ये इंसान अस्तित्वहीन होता जा रहा
जो आइना चमकता था प्यार का कभी
वो पल पल हर पल धुंधलाता जा रहा
हा इसी में मैं अपने मन में घुलता जाता हु
क्यों मैं अपने आपसे अनभिज्ञ हु
क्यों कई सवालों की क़ैद में खुद को पाता हु
क्यों कई सवालों की क़ैद में खुद को पाता हु
क्या तेरा है क्या मेरा है
जाने इस भवर में ही उलझा जाता हु
कितने लम्हों की ये जिन्दगी है
ये कोई नही जानता है
फिर भी मैं का अहं
जाने क्यों परेशान सा है
इसी कसमकस में
सबकी दुनिया वीरान सी है
मैं तुमसे लड़ता हु
तुम किसी और से
और किसी और से
क्यों इतने समझदार होकर भी
हर लम्हा तन्हा बिताता हु
क्यों मैं अपने आपसे अनभिज्ञ हु
क्यों कई सवालों की क़ैद में खुद को पाता हु
इंसानियत क्या है
क्यों ये दिन बदिन धुंधली हो रही
क्यों ये विस्वास की नदी
हर पल सिकुड़ रही
क्यों ये इंसान अस्तित्वहीन होता जा रहा
जो आइना चमकता था प्यार का कभी
वो पल पल हर पल धुंधलाता जा रहा
हा इसी में मैं अपने मन में घुलता जाता हु
क्यों मैं अपने आपसे अनभिज्ञ हु
क्यों कई सवालों की क़ैद में खुद को पाता हु
रघुकुल रीती सदा चली आई प्राण जाये पर वचन न जाई
![]() रघुकुल रीती सदा चली आई प्राण जाये पर वचन न जाई प्रभु राम चन्द्र जी के अनुसार हमारे आचरण ही हमारी पहचान बनाते है कुछ बोलिए बोलने से पहले ये जरूर सोचिए की उसका परिणाम क्या होगा केवल आप पर ही नही पूरे समाज पर और आपका हर एक शब्द मानव मात्र के कल्याण के लिए होना चाहिए वो किसी भी जाती विशेष या वर्ग से समबन्धित नही होना चाहिए क्योकि मैं एक सवाल पूछना चाहता हु उसका जवाब आप सब सोच कर दीजिये की कोई नवजात बच्चा अगर किसी रास्ते पर लावारिस की तरह पड़ा है रो रहा है १-तो उससे आप उसकी जाती पूछेंगे फिर उसको फिर उसको सहारा देंगे या २-फिर ये सोचेंगे की बच्चे तो भगवान् का रूप होते है ये मानकर उसको सहारा देंगे प्रतीक्षा आपके जवाब की मित्रो बोलो सियावर राम चन्द्र की जय |
हाँ इक शाम बाकी है ............जो मिल जाओ मुझको तुम
![]() हाँ इक शाम बाकी है ............जो मिल जाओ मुझको तुम नयनो का जाम बाकी है ,,,,,,कुछ लम्हे बिताओ मेरे संग साँसे है कितनी किसके जहन में ,,,,,,ये कोई क्या जाने हाँ इक रात मुझको ,,,अजनबी बना जाओ मुझको तुम हाँ इक शाम बाकी है ............जो मिल जाओ मुझको तुम नयनो का जाम बाकी है ,,,,,,कुछ लम्हे बिताओ मेरे संग तेरे बिन कुछ तो बाकी है ,,,मेरा मुझमे अधूरा है था दिल तडपा था तेरे बिन ,,,हुआ सपना ना जो पूरा है वही तन्हा मेरी राते ,,, सिसका था हर लम्हा मेरा हाँ बुझते हुए इस मन का ,,,,इक दीपक बन जाओ तुम हाँ इक शाम बाकी है ............जो मिल जाओ मुझको तुम नयनो का जाम बाकी है ,,,,,,कुछ लम्हे बिताओ मेरे संग |
हाय इस मुस्कराती शाम में
![]() हाय इस मुस्कराती शाम में इन लडखडाते लबो को सहारा मिल जाता एक कप चाय की चुस्की के साथ कुछ लम्हों को हम गुनगुना लेते तेरे संग बैठ कर यु ही कुछ लम्हों को बिता लेते लेकिन सौख चर्राया था विदेश की रोटी कमाने का अब ना ही वो शाम है ना ही लडखडाते लबो को आराम है न वो चुस्किया है चाय के प्यालो की एक ही बात आज है हम कल भी लुटते थे और आज भी लुटते है हाय मेरी तन्हा मुहब्बत ये पैगाम मैंने भेजा है अपनी मुहब्बत के नाम LOVE YOU HMESHA |
कुरीतिया कैसी भी हो उनका अंत होना चाहिए और इनपर कुछ समाज के ठेकेदारों की व्यर्थ की बहस नही होनी चाहिए जिससे किसी की जिन्दगी जुडी हो किसी की जिन्दगी का सवाल हो क्योकि कुछ समाज के ठेकेदारों को ये दर लगा रहता है की अगर कुछ गलत परम्पराए और कुरीतिया ख़त्म हो गयी तो इनको कौन पूछेगा और फिर जब हम अछि तरह जानते है की ये सिर्फ स्वार्थी है और अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते है तो कुछ पब्लिसिटी के लिए कुछ भी करने या कुछ भी बोलने से गुरेज नही करते है चाहे वो
दहेज़ प्रथा हो
तीन तलाक हो
किसी की बेटी की प्रताड़ना हो
या किसी मजबूर और कमजोर की इज्जत पर हमला
या
बहुत से कुछ और है जिनका जवाब सबके पास है
पर हिम्मत कुछ में ही है
इसलिए एक देश
एक भाषा
और एक ही कानून होना चाहिए सभी धर्मो के लिए
जय हिन्द
जय भारत
दहेज़ प्रथा हो
तीन तलाक हो
किसी की बेटी की प्रताड़ना हो
या किसी मजबूर और कमजोर की इज्जत पर हमला
या
बहुत से कुछ और है जिनका जवाब सबके पास है
पर हिम्मत कुछ में ही है
इसलिए एक देश
एक भाषा
और एक ही कानून होना चाहिए सभी धर्मो के लिए
जय हिन्द
जय भारत
Thursday, October 20, 2016
कई सपने बिखरते आज मैंने आँखों से देखा है
![]() कई सपने बिखरते आज मैंने आँखों से देखा है वो आंचल कल जो भरा था आज सूना है निकली थी आह मेरे ही कलेजे से खुली आँखों से रो रो के वो सपना आज देखा है बिखरती मैं रही पल पल बिखरते दिल के टुकडो को टूटते वो रहे और सीने में चुभते आज देखा है हुआ है दर्द इतना की सम्भलना मुस्किल हो रहा नही है शब्द दिल में आज निःशब्द है हर पल हाँ उन मासूमो को तडपते आज देखा हैहे मेरे प्रभु आपसे मैं ह्रदय से प्रार्थना करता हु की इतने निर्दयी राक्षसों को मत भेजो यह क्योकि इतनी निर्दयता हम देखने में सक्षम नही है ??????????????? |
Sunday, October 9, 2016
हम एक अरब से ज्यादा है ,,,,,,,,,और हम अगर द्रढ़निश्चय कर ले ,,,,,,,
''USA ने JAPAN पर बरसों पहले nuclear bomb गिराया था...
आज USA अपनी एक सूई भी JAPAN में नहीं बेच सकता...
Govt. नहीं रोक सकती अपने देश में किसी भी country को trade n biz करने से...
परन्तु Japanese स्वयं made in USA सामान नहीं खरीदते...
यह है सच्ची देश भक्ति..
SAY "NO" TO CHINESE GOODS''
हम एक अरब से ज्यादा है ,,,,,,,,,और हम अगर द्रढ़निश्चय कर ले ,,,,,,,तो हम आसमान से तारे भी तोड़ कर ला सकते है इसीलिए हमने उपर अपने मित्र की कुछ पंक्तिया शेयर की है जो जापान के लोगो की इछासक्ति की के बारे में बताती है की हम अगर चाह ले तो कुछ भी हो सकता है वो भी अगर पूरी सिद्दत से और एक चीज ये भी मैं कहना चाहता हूँ की हमारे देश में चीनी सामानों को लाने वाले दो वर्ग के लोग ज्यादा है
एक तो राजनेता जो कुछ बीके हुए है तो कुछ नियमो में बंधे हुए
और दुसरे व्यापारी जो थोड़े लालच के लिए चीनी सामानों का जखीरा हमारे यहाँ लेकर आते है और इनका गुणगान करते है
इसलिए इन लोगो से किसी प्रकार की अपेक्षा रखना बेवकूफी होगी और इनकी परसेंटेज ना के बराबर है बाकि हम लोग मध्यम और निचले वर्ग के लोग जो इनका माल खरीदते है वो ९८% के लगभग तो अगर हम लोग जो चाहे वो होगा हम अगर chinese वस्तुओ का बहिस्कार आंशिक रूप से ही करना शुरू कर दे तो कुछ तो असर पड़ेगा ही जैसे -चीनी खिलोने,पटाखे,लाइट,मोबाइल के सामान,जिनके बिना हमारे जीवन में कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़े तो चीन को कुछ तो फर्क पड़ेगा ही साथ में हमारे देश को भी और छोटे और मंझोले व्यापारियों को भी जिनका जीवन यापन इसी पर निर्भर है जो चीनी सामान की घुशपैठ की वजह से चौपट हो गया है
जय हिन्द
जय भारत
आज USA अपनी एक सूई भी JAPAN में नहीं बेच सकता...
Govt. नहीं रोक सकती अपने देश में किसी भी country को trade n biz करने से...
परन्तु Japanese स्वयं made in USA सामान नहीं खरीदते...
यह है सच्ची देश भक्ति..
SAY "NO" TO CHINESE GOODS''
हम एक अरब से ज्यादा है ,,,,,,,,,और हम अगर द्रढ़निश्चय कर ले ,,,,,,,तो हम आसमान से तारे भी तोड़ कर ला सकते है इसीलिए हमने उपर अपने मित्र की कुछ पंक्तिया शेयर की है जो जापान के लोगो की इछासक्ति की के बारे में बताती है की हम अगर चाह ले तो कुछ भी हो सकता है वो भी अगर पूरी सिद्दत से और एक चीज ये भी मैं कहना चाहता हूँ की हमारे देश में चीनी सामानों को लाने वाले दो वर्ग के लोग ज्यादा है
एक तो राजनेता जो कुछ बीके हुए है तो कुछ नियमो में बंधे हुए
और दुसरे व्यापारी जो थोड़े लालच के लिए चीनी सामानों का जखीरा हमारे यहाँ लेकर आते है और इनका गुणगान करते है
इसलिए इन लोगो से किसी प्रकार की अपेक्षा रखना बेवकूफी होगी और इनकी परसेंटेज ना के बराबर है बाकि हम लोग मध्यम और निचले वर्ग के लोग जो इनका माल खरीदते है वो ९८% के लगभग तो अगर हम लोग जो चाहे वो होगा हम अगर chinese वस्तुओ का बहिस्कार आंशिक रूप से ही करना शुरू कर दे तो कुछ तो असर पड़ेगा ही जैसे -चीनी खिलोने,पटाखे,लाइट,मोबाइल के सामान,जिनके बिना हमारे जीवन में कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़े तो चीन को कुछ तो फर्क पड़ेगा ही साथ में हमारे देश को भी और छोटे और मंझोले व्यापारियों को भी जिनका जीवन यापन इसी पर निर्भर है जो चीनी सामान की घुशपैठ की वजह से चौपट हो गया है
जय हिन्द
जय भारत
सोच बदलिए,,,देश बदलेगा ,,,,,,,,,,,,,,,,
क्या हम अपनी एक छोटी सी सोच नही बदल सकते एक छोटी सी सुरुवात करके चीनी वस्तुओ का बहिस्कार करके हाँ 100% संभव नही है पर कुछ प्रतिशत तो संभव है और वही कुछ प्रतिशत अगर हर एक भारतीय करले तो शायद हमारे देश की कुल जनसँख्या लगभग एक अरब बीस करोड के लगभग है उससे कुछ तो असर पड़ेगा ही और हमारे बड़े ये कहते भी आये है की बूँद बूँद से सागर भरता है तो एक नन्ही सी औरुवात तो कर ही सकते है पर कुछ लोग उलटे ही पूछने लगते है या कहने लगते है की आप के पास क्या चीनी सामान नही है तो मैं कहता हूँ की है पर अब नही ,,,,सम्पूर्ण नही तो कुछ का तो बहिस्कार करे .............कम से कम दिवाली में चीनी पटाखों और लाइट का बहिस्कार तो कर ही सकते है इससे भी करोड़ो बचेंगे हमारे देश और देशवासियों का फायदा होगा
जय हिन्द
जय भारत
जय हिन्द
जय भारत
Sunday, October 2, 2016
मेरे ह्रदय में तेरा मंदिर है ,,,,,,,,,,,
![]() मेरे ह्रदय में तेरा मंदिर है और मन बहुत ही चंचल है आँखे है राहे सुन्दर और नयन अश्रु गंगाजल है नित अर्पित करू हर शाम सुबह तेरे दर्शन ही मेरा जीवन है नाही जाना है मंदिर को ना ही जाना है मस्जिद को श्रृद्धा सुमन अर्पित करके करना स्नेहिल जीवन है तू ही है जगपालिनी माँ तेरे नैनों में संसार बसे जो क्रोध भरे उन नैनों में महिषासुर का संघार करे मेरे ह्रदय में तेरा मंदिर है और मन बहुत ही चंचल है आँखे है राहे सुन्दर और नयन अश्रु गंगाजल है ............... जय जय महिषासुरमर्दिनी |
जो अलविदा कह दिया तो तुमसे बिछड़ जाऊंगा
![]() जो अलविदा कह दिया तो तुमसे बिछड़ जाऊंगा |
हर पल तेरे संग रहेंगे चाहे सुख के पल हो

हर पल तेरे संग रहेंगे
चाहे सुख के पल हो
या दुःख के
अपनी बाहों में ले के सजन
पलको पर रखेंगे अपनी
चाहे सुख के पल हो
या दुःख के
इस वक़्त के हिलते पहिये पर
जब चाहे तुम आजमा लेना
मद्धम पड़ती इन साँसों को
तुम अपनी गली बुला लेना
थकती तन्हा इन राहो
इक बार गले से लगा लेना
हम हर पल तेरे संग रहेंगे
चाहे सुख के पल हो
या दुःख के ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
अपनी बाहों में ले के सजन
पलको पर रखेंगे अपनी
चाहे सुख के पल हो
या दुःख के /////////////////?????????
निर्मल मन ///////////////////////
चाहे सुख के पल हो
या दुःख के
अपनी बाहों में ले के सजन
पलको पर रखेंगे अपनी
चाहे सुख के पल हो
या दुःख के
इस वक़्त के हिलते पहिये पर
जब चाहे तुम आजमा लेना
मद्धम पड़ती इन साँसों को
तुम अपनी गली बुला लेना
थकती तन्हा इन राहो
इक बार गले से लगा लेना
हम हर पल तेरे संग रहेंगे
चाहे सुख के पल हो
या दुःख के ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
अपनी बाहों में ले के सजन
पलको पर रखेंगे अपनी
चाहे सुख के पल हो
या दुःख के /////////////////?????????
निर्मल मन ///////////////////////
Saturday, October 1, 2016
KNOWLEDGE OF EXTRUDER
![]() This is extruder machine from which we manufacture plastic pvc(poly vinyl chloride) pipe before starting the pipe we giving the heat which is mounted on machine when temperature reache set value then first we flush whole material which is setteled inside in the machine after flushing the material feed the material by hopper when material comes then manually put into vaccum and cooling tank and with the help of haull off unit we pull the pipe and set the limit switch according to required length then with the help of cutter we cut this |
विचार
![]() पवित्रता अगर ह्रदय में वास करती है तो सात्विकता मन में आ ही जाती है और ये ऐसा गुण है जो हमे हर अधर्म को करने से रोकता है और सदैव ही हमे सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की शक्ति देता है वही कुटिलता कुविचार हमारे मन और ह्रदय को एक बीमारी की तरह ग्रसित कर लेते है और हम धीरे धीरे नरक के मार्ग पर चलते जाते है |











