हम अपनी नजरो में तलासते रहे उन्हें कैद करके अपनी नजरो में लेकिन वो तो परिंदा था खुले आसमा में रहने वाला जो जाने कहा उड़ गया हवाओ के संग नादान मुहब्बत |
हम अपनी नजरो में तलासते रहे उन्हें कैद करके अपनी नजरो में लेकिन वो तो परिंदा था खुले आसमा में रहने वाला जो जाने कहा उड़ गया हवाओ के संग नादान मुहब्बत |
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