आज याद आता है Earthcare Foundation NGO 11:20 AM निश्छल मन No comments आज याद आता है यारो वो गोलगप्पे का ठेलावो गलियों का शोर वो गावों का मेलाबहुत याद आते है वो पल हमे है हर पल सताते है वो पल हमेकई दिन पहले महीनो पहले इंतज़ार करना और करते रहना इक इक पैसा उस गुल्लक में रखना उस मेले की खातिर उस रेले की खातिर Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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