जिन्दगी एक बार तू हाँ यु ही मिल जा मुझे
रौशनी इक बार तू हाँ यु ही मिल जा मुझे
भटका हु दरबदर मैं अंधेरो में ही
कोई जरिया कोई रास्ता कोई मंजिल मिल जाये भी
मैं थका पर न रुका
संग चल रहा शायद तू भी
ए खुदा मेरे मालिक थोडा रहम कर मुझपर भी
जिन्दगी एक बार तू हाँ यु ही मिल जा मुझे
रौशनी इक बार तू हाँ यु ही मिल जा मुझे
रौशनी इक बार तू हाँ यु ही मिल जा मुझे
भटका हु दरबदर मैं अंधेरो में ही
कोई जरिया कोई रास्ता कोई मंजिल मिल जाये भी
मैं थका पर न रुका
संग चल रहा शायद तू भी
ए खुदा मेरे मालिक थोडा रहम कर मुझपर भी
जिन्दगी एक बार तू हाँ यु ही मिल जा मुझे
रौशनी इक बार तू हाँ यु ही मिल जा मुझे

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