मुसाफिर की तरह चलते जा रहे है
इस जीवन चक्र को पूरा करते करते
कुछ तो लक्ष्य है मेरे भी
लेकिन मैं इनके पीछे नही भाग सकता
प्रयासरत रहूँगा सदैव किन्तु
अपने कर्तव्य से विमुख होकर नही
अपने धर्म से गद्दारी करके नही
अमानव बनकर नही
निस्वार्थ भाव से
आगे बढ़ता रहूँगा
कदम से कदम मिलाकर चलता रहूँगा
लेकिन किसिसको गिराकर नही
सबको साथ लेकर
सबके साथ चलकर
ये शब्द है मेरे
जीवन की सत्यता और मेरी कहानी
मैं जानता हु राह है कठिन
पर मैं चलूँगा
आगे बढूंगा
इस जीवन चक्र को पूरा करते करते
कुछ तो लक्ष्य है मेरे भी
लेकिन मैं इनके पीछे नही भाग सकता
प्रयासरत रहूँगा सदैव किन्तु
अपने कर्तव्य से विमुख होकर नही
अपने धर्म से गद्दारी करके नही
अमानव बनकर नही
निस्वार्थ भाव से
आगे बढ़ता रहूँगा
कदम से कदम मिलाकर चलता रहूँगा
लेकिन किसिसको गिराकर नही
सबको साथ लेकर
सबके साथ चलकर
ये शब्द है मेरे
जीवन की सत्यता और मेरी कहानी
मैं जानता हु राह है कठिन
पर मैं चलूँगा
आगे बढूंगा

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