उन नन्हे कदमो को संभालने का
ना गिरे ना झुके
हाँ उनके लडखडाने से पहले उन्हें
एक सार्थक पहल में शामिल करने का
कई बार उनके सामने
कई बार हमारे सामने
और यु कहे की सबके सामने
परोक्ष रूप से ऐसी परिस्थितिया आ जाती है
की हमारे कदम डगमगाने लगते है
और कभी कभी ऐसी दिशा की तरफ मुड जाते है
जो ना हमारे भविष्य के लिए ठीक होता है
न वृहद् और विशाल भारत के लिए
इसलिए एक संकल्प है
अपने इन छोटे छोटे नन्हे कदमो को
संभालने का
इनके भविष्य को सवारने का
तो आओ इस पहल में हम सब जुड़े
और एक नए
शांत
और अविशमर्नीय भारत का निर्माण करे
जय हिन्द||||||||||||||||||
जय भारत |||||||||||||||||||||||||

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