आज हम अपने गावं,अपने शहर ,अपने देश में हंस रहे है मुस्करा रहे है अच्छा भी लगता है अपनों के साथ रहना खेलना हंसना मुस्कराना और भी बहुत कुछ परन्तु बहुत कुछ अपना होते हुए भी हम उसको मात्र अपने स्वार्थो की पूर्ति के लिए बेदर्दी से बर्बाद करते रहते है जबकि वो हमारे सबसे प्रिय साथी होते है क्योकि वो जीवन से म्रत्यु तक की यात्रा में निरंतर साथ रहते है फिर भी हम उनकी उपेक्षा करते है जबकि हम भलीभांति ये जानते है की उनके बिन जिन्दगी की डोर को टूटने में कुछ क्षण मात्र ही चाहिए किन्तु फिर भी ,,,,,,,,पानी को पानी की तरह ही बर्बाद करते है ,,,जंगलो को मात्र इसलिए नष्ट कर देते है की हमे एक सुन्दर सा घर चाहिए होता है अच्छी अच्छी सड़के लेकिन इतना अँधा विकास भी किस काम का जो निरंतर हमे अँधेरे की और ले जाए और जिसके जीते जागते उदहारण हमारे समक्ष है लातूर और मराठवाड़ा के रूप में लेकिन ,,,,,,,,,,फिर भी
मैं कुछ वाकये अपने सभ्य और शालीन भारतीय समाज के उदाहरण देना चाहता हु जो या कहने से बिलकुल नही हिचकते है की अरे मेरे यहा कौन सा पानी की कमी है जब होगी तब देखा जाएगा,,,,,,,,
कुछ लोग अपनी गाडियों को साफ़ करने के लिए ऐसे ही हजारो लीटर पीने योग्य पानी को बर्बाद कर देते है
कुछ लोग अपने चौबारों को साफ़ करने के लिए गंगा यमुना बहा देते है,,,
कुछ रसूख दार लोग घर में ही तरण ताल या swiming pool बनाते है ,,,,,,जिससे कई घरो को पानी दिया जा सकता है उसपर इन अमीर और रसूखदारों का अधिपत्य होता है
ज्यादातर गृहणिया अपनी रसोई में बर्तन साफ़ करते समय नल को खुला छोड़कर मात्र कुछ बर्तनों को धुलने के लिए सैकड़ो लीटर पानी बर्बाद कर देती है
गर्मी सबको लगती है अमीरों को भी गरीबो को भी और शावर के नीचे बैठ कर नहाने का अपना अलग मजा होता है लेकिन कई लोग शावर से नहाने में इतना पानी बर्बाद करते है जिनसे कुछ परिवारों की एक दिन की प्यास बुझाई जा सकती है |
बस मैं या जो भी राज्य जल संकट से जूझ रहे है और जो नही सबको मिलकर एक साथ द्रढ़संकल्पित होना पड़ेगा और जल की प्रत्येक बूँद को सहेजना होगा
सरकार को भी एक ऐसा कानून बनाना होगा जिससे कोई भी पीने योग्य पानी अगर बर्बाद करते पकड़ा जाए तो उसे दंड में सजा का प्रावधान होना चाहिए
हर घर में पानी का मीटर होना चाहिए
और हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार ठीक नही कही ना कही हम सबको इमानदार होना पड़ेगा
नही तो पानी एक खोज की तरह हो जाएगा और जिस दिन ये हो गया मित्रो ,,,,,,,,हम भी खोजने लायक नही रहेंगे
और,,,,,,,,,
एक खोज हो जायेंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ये मेरी एक परिकल्पना ,,,,,,है या सत्य,,,,,,,,,
ये आप को निश्चित करना है
जय हिन्द||
जय भारत||

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