श्रद्धा सुमन ,,,अर्पित तन मन धन..... हे दुखनाशिनी,,,,,,,,, हे जगत्राता
जयति जय भारती माता ,,,,,,,,,जयति जय भारती माता
तुम ही पालक,,,,,,स्रष्टि संघारक,,,,,,,,तुम ही विश्वविधाता,,,
जयति जय भारती माता ,,,,,,,,जयति जय भारती माता
तन रंग हरा है मन शांत स्वेत सा है
ह्रदय में केशरिया लहू प्रवाहित हर दम
तेरे आँचल में माँ हर क्षण गुजरा मेरा
मेरे कतरे कतरे पर नाम है तेरा
वन्दे मातरम की धुन गूंजे मन में सुबह शाम
जन गण मन का राग है दसो दिशाओ में
जय जय जय हो भारती माता ,,,,जय जय जय हो भारती माता ,,,,
जय जय जय हो भारती माता ,,,,जय जय जय हो भारती माता ,,,,
सीना चीर देंगे,,,,,,,,, प्राण हर लेंगे
बनके महिषमर्दिनी,,,,,,, लहू पी लेंगे
एक बूँद लहू की गिरने ना देंगे इस धरा पर
चाहे काटने पड़े,,,,,,, लाखो असुरो के सर
छाती धधकती है,, भुजाये फडकती है
करके संखनाद आदेश दो मेरी माता
जयति जय भारती माता ,,,,,,,,जयति जय भारती माता

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