तो उसने पुछा मुझसे ,,,क्यों तुम्हारे सामने मैं हु
जो मेरे सामने तुम हो ,,,मुझे इस बात का है डर
बिछड़ कर जाओगे तुम तो ,,जियूँगा कैसे तुम बिन मैं
बिछड़ कर जाओगे तुम तो ,,जियूँगा कैसे तुम बिन मैं
तुम्हारे संग चलता हु अभी ,,,कभी होउंगा जब तन्हा
अभी बाहों में बाहे है ,,,,,,,,,,,,तेरे संग ये निगाहें है
तरस जाएगा मेरा ,,,,दर्द से जब ये सिहरता मन
कटेंगे कैसे वो लम्हे ......विरह में तडपेगा जीवन
सोचने से ये डरता है ,,,,बताऊ कैसे तुझको मैं
बिछड़ कर जाओगे तुम तो ,,जियूँगा कैसे तुम बिन मैं
बिछड़ कर जाओगे तुम तो ,,जियूँगा कैसे तुम बिन मैं

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