जलन और इर्ष्या की अगन में जलते है दिन रात
अपने बाजूओ में लेकर घूमते रहते है घमंड और मैं को
कभी हम में भी खोकर के देखिये जनाब
खुद को ना खो दे तो भूल जाना हमको (मुहब्बत)
हम भी भूल जायेंगे दुनिया के गम को
हौसले और जज्बे हमारी गली में घूमते है
डर और हार निकल जाते है चुपचाप
लोग डरते क्यों है इतना मुहब्बत करने से
जलन और इर्ष्या की अगन में जलते है दिन रात

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