में क्यों ना ईर्ष्या,,, और मोह,,, का दमन करके छोटी सी ख़ुशी को अपनी जेब में हमेशा के लिए जमा कर लिया जाये,,एक बैंक की तरह ,,,,,,जो हमारे सुख दुःख में हमेशा समय के अनुरूप ढल सके और इनका उचित उपयोग परिस्थितियों के अनुसार किया जा सके ,,,,,ये इतना मुश्किल भी नही है ,,,,तो जरा मुस्करा कर देखिये,,,,,,,
जय श्री कृष्णा

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