हर लम्हा कई युगों के समान होता है ,,,
त्रिसंकू की तरहा,,
गगन और धरा,,के बीच प्राण होता है
ना लौटने का कोई रास्ता,,
ना ठहरने के लिए..आशियाना,,,,
बस इक तलाश में ,,,
अनजानी राह में चलते जाना ,,,,,,,
हाँ ये जरूर है ,,ऐसे में ,,
हर पल का प्रहार होता है
इसीलिए सच में दोस्तों ,,,
इंतज़ार,,,में ,,प्यार,,बहुत,,मुश्किल होता,,है

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