- सभी भली भांति जानते है की सभी छोटे बड़े नद -नाले प्रत्यक्ष या परोच्छ रूप से किसी ना किसी ना किसी नदी में ही मिलते है इसलिए किसी प्रकार की गंदगी जैसे :-प्लास्टिक की थैली,सब्जियों के छिलके,कागज़,कूड़ा-कचरा ये सभी नियत स्थान पर ही डाले ,जो कचरा दुबारा (recycle) होने के बाद प्रयोग किया जा सकता है उसे अलग डिब्बे में रखे |
- प्लास्टिक कचरे के लिए अलग डिब्बा,पेपर के लिए अलग डिब्बा,सब्जी के छिल्को के लिए अलग इससे हमारी आपसी समझ भी बढ़ेगी की कैसा कचरा दोबारा process होकर प्रयोग किया जा सकता है और प्रदूषण भी कम होगा और जब ये पानी में नही मिलेगा तो हमारी नदियों का स्वास्थ्य भी सुधरेगा|
- किसी भी तरह की पूजा सामग्री -फूल माला ,फोटो इत्यादि नदी या नहर में विसर्जित ना करे|
- कृपया नदियों में नहाते समय साबुन या डिटर्जेंट का प्रयोग ना करे|
- नदियों के घाट पर कपडे ना धुले अगर धुलना है पानी नदी से लेकर अलग जगह धुले जिससे गन्दा पानी नदी में ना मिले |
- वाटर हार्वेस्टिंग के जरिये पानी को जमीन में रिचार्ज करने की पद्धति अपनाए|
- बर्तन साफ़ करते समय जो पानी निकले उसे गमलो या पदों में डाले|
- कपड़ो की सफाई करते समय जो पानी निकलता है उसे टॉयलेट के फ्लश में प्रयोग कर सकते है और घर की साफ़ सफाई में इससे गन्दा पानी नालियों में कम मिलेगा और स्वच्छ पानी की बचत भी और हमारा काम भी हो जाएगा मतलब कुछ छोटी छोटी चीजे अपनाकर हम अपनी गंगा मैय्या को स्वच्छ और निर्मल कर सकते है मैं या सब चीजे लिखने के साथ साथ कर भी रहा हु मुझे अचा भी लग रहा है ,,,,,,,,,,,,फिर आप क्यों नही ..........
ये कैसा प्रेम है ,,,,,,,,,,या प्रलाप मात्र,,,,गंगा मैय्या के प्रति,,,,
हम नित नए संकल्प लेते है ,,,आह्वान करते है ,,,चिल्लाते है ,,,,पर वास्तविक रूप में उसको नाही करते है ना ही अपनाते है फिर क्या ये दिखावा मात्र है या ,,,,तो मेरा आप सभी से हार्दिक निवेदन है की कृपया एक छोटी सी पहल कीजिये ,,,,तो सौ प्रतिशत नही तो कुछ तो स्वच्छ होंगी ही हमारी गंगा मैय्या ,,,,अगर गंगा मैय्या के प्रति हमारा सच्चा प्रेम है और उनको प्रदूषण मुक्त करना चाहते है तो छोटी सी शुरुवात या आप अपनी भाषा में जो भी समझे वो करना पड़ेगा और ये बाते या सुझाव किसी भी धर्म से सम्बंधित नही है ,,हाँ है तो सिर्फ और सिर्फ मानवता से सम्बंधित है ,,,,हम सभी का ये नैतिक कर्तव्य भी है ,,,जो भी गंगा मैय्या से जल,,,या,,जीवन लेते है वे सभी,,,

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