ये कैसी मानशिकता है ,,,,ये कैसे लोग है,,ये इंसानियत है या हैवानियत,,,ये राष्ट्र वाद है या राष्ट्रद्रोह ,,,,,ये कैसी बहस है हमारे देश की हम दुसरे देशो से कम से कम इतना तो सीख ही सकते है की कम से कम इन आतंकवादियों के खिलाफ नाही ऐसी बहस होनी चाहिए नाही मतभेद ,,,,सभी को एकमत होकर बस और बस इन आतंकवादियों और इनके पनाह्गारो को एक जैसी सजा देनी चाहिए वो सिर्फ और सिर्फ सजा ए मौत ,,,इससे कम कुछ भी नही ,,,,,फिर ये कश्मीरी युवकों की कैसी तुच्छ मानसिकता है ,,,,जो जवान अपना घर परिवार हर सुख त्याग कर हमारे लिए हमारे देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाज़ी लगा रहे है ,,,उन्ही पर वो पत्थर और ग्रेनेड से हमले कर रहे है ,,,ऐसे लोगो को तो देखते ही गोली मार देनी चाहिए ,,,,और ऐसी मौत देनी चाहिए की भविष्य में ऐसा कोई करने की सपने में भी ना सोचे ,,,,,
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