हाल ए दिल Kavita house 3:27 AM Kavita Sangrah No comments तेरी तस्वीर ही तकदीर मेरी बन गई जैसे की हाले दिल बया करने का इक जरिया भी तू ही है मुकद्दर में क्या है या मर्जी खुदा की है क्या नही इसकी फ़िक्र की मेरा दिल जलेगा कल Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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