बहुत मीठे है वो अलफ़ाज़ ,,,जिनमे तुम हो ,,,
या तुम्हारा नाम ,,,,या तुम्हारी खुशबू ,,,,
सच में ,,,इसके सिवा
ना कुछ ,,सीखा है ,,,ना कुछ जाना है
अब ये तुम्हारा ,,जादू है ,,या कुछ और ,,,
जो बिना मिले तुमसे ,,,चढ़ता ही जाता है ,,,
सच में मेरे ख्वाबो की ,,,,मुमताज हो तुम ,,,
मैं दीवाना शाहजहाँ ,,,हूँ अपने ,,बिखरे हुए दिल का,,,
सच में ,,ना इसके सिवा कुछ ,,,देखा है ,,,ना माना है
बस तुम हो ,,,,बस तुम हो ,,,,
या तुम्हारा नाम ,,,,या तुम्हारी खुशबू ,,,,
सच में ,,,इसके सिवा
ना कुछ ,,सीखा है ,,,ना कुछ जाना है
अब ये तुम्हारा ,,जादू है ,,या कुछ और ,,,
जो बिना मिले तुमसे ,,,चढ़ता ही जाता है ,,,
सच में मेरे ख्वाबो की ,,,,मुमताज हो तुम ,,,
मैं दीवाना शाहजहाँ ,,,हूँ अपने ,,बिखरे हुए दिल का,,,
सच में ,,ना इसके सिवा कुछ ,,,देखा है ,,,ना माना है
बस तुम हो ,,,,बस तुम हो ,,,,

0 comments:
Post a Comment