विचार Kavita house 8:12 AM No comments क्रोध अग्नि की तरह दाहक होता है जो हमे अन्दर ही अन्दर जलाता रहता है और क्षमा और करुणा हमे एक अद्भुत और आनंदायक शांति की अनुभूति कराती है अब ये हम पर निर्भर करता है की हम किसको चुनते है अथवा किसका चुनाव करते है क्रोध या क्षमा Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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