मेरी आशाओं के दीपक तुमसे ,,,
जलते रहते है ,,,,जलते रहते हैं ,,,
हर शाम ढले जब रात आये,,,
कुछ कहते रहते हैं,,,कहते रहते हैं ,,,
है शाम ढली फिर रात आएगी ,,,
रात ढले ,,,सुबहो होगी तब ,,,
नयन नीर को समझाऊ कैसे ,,
कुछ बिना कहे
बहते रहते है ,,,
मेरी आशाओं के दीपक तुमसे ,,,
जलते रहते है ,,,,जलते रहते हैं ,,,
अज्ञात हो तुम ,,ये ज्ञात है मुझको ,,,
फिर भी इक आस है मिलने की ,,,
अनजान हु मैं ,,कुछ कुछ तुझसे,,
फिर भी जाने कैसी प्यास है ये,,
मेरे ह्रदय की धडकन,,धक धक जो करे ,,
पलके यु ही झुक जाये जो,,
इक परछाई सी मेरे मन की ,,
इन अँधेरी सी रातो में
दीपक की तरह
जलते रहते है ,,,
मेरी आशाओं के दीपक तुमसे ,,,
जलते रहते है ,,,,जलते रहते हैं ,,,
हर शाम है इक मेहमान की तरह ,,,
आती है रोज चली जाती है ,,,
ईश्वर की तरह ही जाओ
इक झलक मुझे दिखला जाओ ,,,
ये अंखिया विरहन ,,दिन रात जले ,,
कुछ आखिरी धड़कन बाकी है ,,,
विक्षिप्त ये मन ,,,नीरस जीवन
हाँ है तुम बिन ,,,,हाँ है तुम बिन ,,,
मेरी आशाओं के दीपक तुमसे ,,,
जलते रहते है ,,,,जलते रहते हैं ,,,
जलते रहते है ,,,,जलते रहते हैं ,,,
हर शाम ढले जब रात आये,,,
कुछ कहते रहते हैं,,,कहते रहते हैं ,,,
है शाम ढली फिर रात आएगी ,,,
रात ढले ,,,सुबहो होगी तब ,,,
नयन नीर को समझाऊ कैसे ,,
कुछ बिना कहे
बहते रहते है ,,,
मेरी आशाओं के दीपक तुमसे ,,,
जलते रहते है ,,,,जलते रहते हैं ,,,
अज्ञात हो तुम ,,ये ज्ञात है मुझको ,,,
फिर भी इक आस है मिलने की ,,,
अनजान हु मैं ,,कुछ कुछ तुझसे,,
फिर भी जाने कैसी प्यास है ये,,
मेरे ह्रदय की धडकन,,धक धक जो करे ,,
पलके यु ही झुक जाये जो,,
इक परछाई सी मेरे मन की ,,
इन अँधेरी सी रातो में
दीपक की तरह
जलते रहते है ,,,
मेरी आशाओं के दीपक तुमसे ,,,
जलते रहते है ,,,,जलते रहते हैं ,,,
हर शाम है इक मेहमान की तरह ,,,
आती है रोज चली जाती है ,,,
ईश्वर की तरह ही जाओ
इक झलक मुझे दिखला जाओ ,,,
ये अंखिया विरहन ,,दिन रात जले ,,
कुछ आखिरी धड़कन बाकी है ,,,
विक्षिप्त ये मन ,,,नीरस जीवन
हाँ है तुम बिन ,,,,हाँ है तुम बिन ,,,
मेरी आशाओं के दीपक तुमसे ,,,
जलते रहते है ,,,,जलते रहते हैं ,,,


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