मैं अपनी रूठी हुई ,,,जब माँ को मनाता हु ,,,
सच में सब भूल जाता हूँ ,,,,जैसे बचपन मेरे संग है ,,,
माँ है अविचल
जो है संग मेरे हर पल ...,,,
मेरी मुस्कान के पीछे ,,,छिपा संसार छोटा सा ,,,
जो है खुशियों से भरा सुन्दर ,,,कोई संसार के जैसा,,,,
जो है खुशियों से भरा सुन्दर ,,,कोई संसार के जैसा,,,,
मैं अपनी रूठी हुई ,,,जब माँ को मनाता हु ,,,
सच में सब भूल जाता हूँ ,,,,जैसे बचपन मेरे संग है ,,,

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