ये स्वार्थ क्या ,,,
परमार्थ क्या ,,,
ये प्रेम क्या,,,,
विस्वास क्या ,,
कैसा ये छल ,,,
जो कर रहा दुर्बल,,,
ये मन के सब विक्षोभ है,,,
क्योकि,,
मन में रहते है कृष्ण भी ,,,
है कंस भी धुंधला सा,,
ये जात क्या,,
ये धर्म क्या,,,
ये यूपी ,,और
महाराष्ट्र क्या,,,,
पूछे कोई पहचान उनसे,,,
जो त्याग की परिभाषा है ,,,
पूछे कोई मजहब उनसे,,,
जिनका देश ही परिवार है ,,,,
न जान की कीमत कोई ,,,,
आखिरी सांस तक ,,,,,बस
राष्ट्र का सम्मान है,,,
है बसंती रंग से प्यार उनको
तिरंगा उनकी शान है ,,,,
ना हिन्दू है ,,,
ना मुश्लिम है ,,,
मेरे देश का सम्मान है ,,,
पहचान उनकी हिन्द है
माँ भारती का अभिमान है
चेहरे पर ना रहती शिकन
सरहद खेल के मैदान है
वो सिर्फ हिन्दुस्तानी है
मेरे देश का सम्मान है ,,,
ये स्वार्थ क्या ,,,
परमार्थ क्या ,,,
ये प्रेम क्या,,,,
विस्वास क्या ,,
जय हिन्द
जय भारत
परमार्थ क्या ,,,
ये प्रेम क्या,,,,
विस्वास क्या ,,
कैसा ये छल ,,,
जो कर रहा दुर्बल,,,
ये मन के सब विक्षोभ है,,,
क्योकि,,
मन में रहते है कृष्ण भी ,,,
है कंस भी धुंधला सा,,
ये जात क्या,,
ये धर्म क्या,,,
ये यूपी ,,और
महाराष्ट्र क्या,,,,
पूछे कोई पहचान उनसे,,,
जो त्याग की परिभाषा है ,,,
पूछे कोई मजहब उनसे,,,
जिनका देश ही परिवार है ,,,,
न जान की कीमत कोई ,,,,
आखिरी सांस तक ,,,,,बस
राष्ट्र का सम्मान है,,,
है बसंती रंग से प्यार उनको
तिरंगा उनकी शान है ,,,,
ना हिन्दू है ,,,
ना मुश्लिम है ,,,
मेरे देश का सम्मान है ,,,
पहचान उनकी हिन्द है
माँ भारती का अभिमान है
चेहरे पर ना रहती शिकन
सरहद खेल के मैदान है
वो सिर्फ हिन्दुस्तानी है
मेरे देश का सम्मान है ,,,
ये स्वार्थ क्या ,,,
परमार्थ क्या ,,,
ये प्रेम क्या,,,,
विस्वास क्या ,,
जय हिन्द
जय भारत


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