हम तो गुमनाम थे जब होश सँभालते है लोग
लेकिन आवाज उनने न सुनी तो तकलीफ हुई दिल को
बहुत मुस्किल हुई थी जब दर्दे मुहब्बत में गुजरे पल मेरे
की जिनके लिए मर हम रहे थे उन्हें पता ही नही
अब किससे शिकायत करते हम
की जिसको चाहा मैंने ताउम्र वो मिला ही नही
पास तो उनके थे हमेशा जिन्दगी से बढ़कर
लेकिन वक़्त ही गैर निकला तो वो किसी और के हुए


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