जमाने की तपन को हां ये दिल महसूस करता है
एक दूसरे से ईर्ष्या और जलन को ये दिल महसूस करता है
की इन बिगड़े हुए लब्जो को सुलझाना नही आसाँ
इन लम्हों में कांटो की चुभन दिल महसूस करता है
हाँ कुछ लोग शब्दों से खेलते है जिन्हें हम दिल से लिखते है
उन्हें ये क्या पता ये धड़कने ये दिल मेरा महसूस करता हैै
एक दूसरे से ईर्ष्या और जलन को ये दिल महसूस करता है
की इन बिगड़े हुए लब्जो को सुलझाना नही आसाँ
इन लम्हों में कांटो की चुभन दिल महसूस करता है
हाँ कुछ लोग शब्दों से खेलते है जिन्हें हम दिल से लिखते है
उन्हें ये क्या पता ये धड़कने ये दिल मेरा महसूस करता हैै


0 comments:
Post a Comment