मेरे भी बहुत से सपने थे
जिनके लिए मैं पागल था
या दीवानापन इस हद तक था
जैसे वो मेरे नैनो का काजल था
जब पास वो रहते थे मन के मेरे
तो इक बेचैनी सी रहती थी
जब सामने आते थे वो मेरे
लाखो ख्वाइश दिल में जगती थी
कुछ अंगड़ाई लेकर के सनम
सपनो में मेरे वो आते थे
जो अनजाने थे ख्वाबो में
वो दिल में मेरे बस जाते थे
जो अनजाने थे ख्वाबो में
वो दिल में मेरे बस जाते थे


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