जिन्दगी भी ना जाने कितने पडावो से गुजरती है कही पर सफ़र होता है और कही पर हमसफ़र होता है कभी इसमें धुप मिलती है तो कभी छाव और हमे हर परिस्थिति से जीने की कला सिखाती है ये जिन्दगी वाकई में कभी कभी तो खुद से भी अनजान से हो जाते है और ये सोचने में भी सक्षम नही होते है की हम क्या है क्यों है
हम कहा है क्या उद्देश्य है हमारा लेकिन ये सुप्तावस्था की परिचायक है और सफलता और जीतना हमेशा जागने और निरंतर आगे बढ़ने वाले को मिलती है इसीसे मिलते जुलते ये हमारी जिन्दगी और इससे जुड़े पडाव है
तो आओ दोस्तों यही कहते है की जी ले जरा जिन्दगी के इन बेशकीमती पलो को
हम कहा है क्या उद्देश्य है हमारा लेकिन ये सुप्तावस्था की परिचायक है और सफलता और जीतना हमेशा जागने और निरंतर आगे बढ़ने वाले को मिलती है इसीसे मिलते जुलते ये हमारी जिन्दगी और इससे जुड़े पडाव है
तो आओ दोस्तों यही कहते है की जी ले जरा जिन्दगी के इन बेशकीमती पलो को


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