सूखे हुए कुछ पत्ते हवा के झोको के साथ अनंत आकाश में उड़ते जाते है ना ही उन्हें अपनी मंजिल का पता नाही ठिकाने का वो तो पूर्ण रूप से हवा के झोको पर निर्भर है जिस ओर हवा का प्रवाह होगा वो उसी तरफ लहलहाते हुए स्वतंत्र रूप से उड़ते रहेंगे परन्तु जैसे ही हवा की गति कम होगी या स्थिर हो जायेगी फिर उनकी वो स्वतंत्रता वो इठलाना मस्त आसमान में उड़ना शायद या उस यात्रा पर विराम लग जाएगा और वो जहाँ धरा पर गिरे वो अस्तित्वहीन हो जायेंगे
ठीक उसी प्रकार हमारा जीवन भी हमारी आत्मा से बंधा हुआ जैसे ही आत्मा ने साथ छोडा तो ये शरीर जो आत्मा रहने पर सजीव है वो आत्मा के शरीर से निकलते ही शरीर का भी कोई मूल्य नही रह जाता है ये मूल्यहीन हो जाता है
ठीक उसी प्रकार हमारा जीवन भी हमारी आत्मा से बंधा हुआ जैसे ही आत्मा ने साथ छोडा तो ये शरीर जो आत्मा रहने पर सजीव है वो आत्मा के शरीर से निकलते ही शरीर का भी कोई मूल्य नही रह जाता है ये मूल्यहीन हो जाता है


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