मेरी माँ आज अकेली हो गयी
आज तन्हाई उनकी सहेली हो गयी
मेरी माँ आज अकेली हो गयी
कितनी नाजो से हमको पाला था
हर गम सहके हमको सम्हाला था
खुद रोके हमको हंसाती थी
आज वो खुद इक पहेली ही गयी
मेरी माँ आज अकेली हो गयी
आज तन्हाई उसकी सहेली हो गयी
हर सपना था उनका मैं
जिनको मन में उन्होंने संजोया था
मेरे ख्वाबो को सच करने के लिए अपनी आँखों को हर पल भिगोया था
आज मीलो दूर जब उनसे बात हुई
तो कंपकपाते होठो से कुछ शब्द सुने उनके
शायद वो भावुक होकर कुछ कहना चाहती थी
और बहुत कुछ बिन कहे ही कह दिया जैसे अपने अनकहे शब्दों में
आज आँखों में मेरे आंसू है
दिल भारी भारी है
कुछ में शायद मैं सक्षम नही आज
आज सूनी मेरी हथेली हो गयी
क्यों माँ मेरी आज अकेली हो गयी
क्यों तन्हाई उनकी सहेली हो गयी
ये हर उस माँ के लिए
जो अपने नन्हे से दिल के टुकड़े से दूर है 😭😭😭😭😭


मेरी माँ
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