आज के प्रचलित शब्द नही,,,,,,,,,लक्षण है
जो लगभग हर मन में बसते है,,,,कुछ को गर छोड़ दिया जाए ,,,,
और वो कुछ ,,,,,,,,,शायद लाखो में एक होंगे,,,,,,,,,,
और जो है ,,,,,,,जिनका इनपर नियन्त्रण है ,,,,,,,,
वही समीप है ,,,,,,,,परमात्मा के ,,,,,,,,
हे ईश्वर|||||||||||||||
