चांदी :-
आजकल चांदी के बर्तनों में भोजन करने का प्रचलन बहुत कम हो गया क्योकि ये बहुत ही महंगे है आम आदमी का इनको खरीद पाना थोडा मुश्किल है लेकिन इसके फायदे बहुत है पुराने समय में राजा महाराजा चांदी के बर्तनों में भोजन करते थे ,कुछ लोग साग या दाल पकाते समय चांदी का सिक्का दाल देते थे इसके बाद भोजन का स्वाद और इसके फायदे दोनों का जवाब नही है भोजन के साथ अल्प मात्र में ये धातु हमारे शरीर को पोषक तत्व भी प्रदान करती है |
लोहा :-
लोहे की कढाई में बनी सब्जी हो या दाल या फिर साग हो लाजवाब होता है हाँ रंग जरूर थोड़े कालेपन में आ जाता है लेकिन अब बहुत कम ही लोग लोहे के बर्तनों का उपयोग करते है इसकी जगह nonstick और जस्ते के बर्तनों ने ले ली है पर फायदे के लिहाज से इस धातु के बर्तन सबसे बेहतर माने जाते है ,लोहा ऊष्मा का सुचालक होता है इसलिए ये धातु जल्दी गर्म होती है इसलिए इंधन की बचत होती है इसके अलावा लोहे के बर्तन में पके खाने में आयरन की मात्र भी होती है इस धातु के बर्तन में बना भोजन करने से खून की कमी से होने वाली बीमारी एनीमिया नही होती है
मिट्टी :-
मिट्टी जो हमारी जननी है वो आसानी से हमे मिल सकती है और इससे बने बर्तन भी सस्ते होते है ,इसलिए ये भी एक बेहतर विकल्प है ,मिट्टी के बर्तन में बने खाने का स्वाद लाजवाब होता है और वही पानी रखने के लिए भी मिट्टी के बर्तन बहुत ही उपयुक्त है इसमें रखे पानी की शीतलता और स्वच्छता प्लास्टिक बोतल पानी से कही ज्यादा होती है और इसमें सोखने की क्षमता होने की वजह से कुछ सूक्ष्म कण जो पानी में घुलनशील होते है उनको सोख कर पानी को स्वच्छ बनाती है
ताम्बा :-
हमारे देश में प्राचीन काल से ये मान्यता है की ताम्बे के बर्तन में रात में पानी भर कर रख दे और उसको सुबह पीने से पेट सम्बन्धी कोई बीमारी नही होती है और इसमें रखा पानी वात,पित्त और कफ़ को संतुलित रखता है इसके लिए पानी को कम से कम ८ से १० घंटे बर्तन में रखना चाहिए और इसमें रखा जल हमारी पाचनक्रिया को भी दुरुस्त रखता है इसके अलावा एसिडिटी,अलसर और संक्रमण से भी सुरक्षित रखता है
प्लास्टिक बोतल और जस्ता :-
इसमें कभी भी गर्म पानी ना रखे क्योकि गर्म होने पर इसमें से हानिकारक रसायन निकलते है जिनसे हमारे शरीर में घातक बीमारी यहाँ तक की कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है अनुसंधान में ये बात सामने आई है की कार में रखी बोतल का पानी पीने से घातक बीमारी हो सकती है क्योकि ज्यादा देर तक कार जब धुप में खड़ी होती है तो बोतल का पानी गर्म होता है ऐसे में उसमे से कुछ रसायन निकल कर पानी में घुल जाते है जिनका हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है
लकड़ी :-
पुराने जमाने में लकड़ी के बर्तनों का उपयोग रोटी,पूड़ी और भी एनी सामग्रियों को रखने के लिए उपयोग किया जाता था इसमें नमी को सोखने का गुण होता है इसलिए लकड़ी के बर्तन अच्छे माने जाते है और लकड़ी के पाटे जिसपर बैठकर आज भी कुछ गावो में मिल जायेंगे बहुत फायदा होता है क्योकि भोजन करते समय हमारे शरीर में ऊर्जा समाहित होती है लेकिन अगर हम सीधे प्रथ्वी के सम्पर्क में होते है तो कुछ ऊर्जा का क्षय हो जाता है इसलिए लकड़ी के पाटों का उपयोग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है
इसलिए कृपया हमारी भारतीय संस्कृति को लुप्त होने से बचाइए और साथ ही साथ अपनी जीवनशैली में छोटे छोटे उपायों को अपनाकर अपने स्वस्थ्य को रोग से मुक्त करने की कोशिश कीजिये
धन्यवाद
निर्मल अवस्थी

0 comments:
Post a Comment