है शून्य सा मन है अब मेरा
चारो तरफ है सूनापन
तन्हाई मुझको डसती है
क्यों विरह में तडपता मेरा ये मन
हा अब ये एहसास हुआ मुझको
कुछ पास था जो अब दूर हुआ
क्यों ,,,,तेरे जाने के बाद ,,,आई है तेरी याद ,,,,,,,,,,
क्यों ,,,,तेरे जाने के बाद ,,,आई है तेरी याद ,,,,,,,,,,

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