लेकिन ये बहुत ही कठिन समय है मेरे लिए
अपनों के पास रहने का दिल है
लेकिन मन अपनों से दूर करना चाहता है
मैं मन की सुनु या दिल की
इस कसमकस में मैं खुद को निःसहाय पाता हु
कुछ कर्तव्यों का वहन करना है
पर कुछ कदम उनके संग भी चलना है
कभी जोर जोर चलती है समय की घड़ी
कभी कभी चलते चलते रुक जाती है
कभी जन्मो को पलो में तो
कभी पलो में जन्मो का एहसास कराती है
तुम बिन इन लम्हों को
जिए भी तो भला कैसे जिए
निर्णय की घडी टिक टिक कर रही है
लेकिन ये बहुत ही कठिन समय है मेरे लिए ???????????????????//
निर्मल मन की कठोर संवेदना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

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