विचार ,,,,,,,,, Earthcare Foundation NGO 8:48 AM विचार No comments शक दीमक की तरह होता है जो रिस्तो की दीवारों को अन्दर ही अन्दर खोखला करता जाता है है और अंत में कुछ भी हाँथ नही आतासब कुछ सीसे की तरह बिखर जाता है Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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