कभी कभी भाषा की अज्ञानता के कारण शब्दों और मात्राओ को गलत लिख देता हूँ कभी कभी भावनाओ के वश होकर लिखना कुछ और होता है और लिख कुछ और देता हूँ लेकिन जो भी लिखता हूँ दिल से लिखता हूँ इसीलिए मुझे शब्दों से और शब्दों को मुझसे प्यार है और मैं ये अच्छी तरह जनता हु की ये प्यार ना होगा कभी कम
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