ये किस अपराध की सजा मिल रही है ??????????????
हाँ ये मन हर रोज रोता है हर पल किसी के रोते हुए दिल को महसूस करता है क्यों जब मैं अकेला होता हु तो इक टीस सी उठती है मन में ये ऐसे क्षण है जो हर किसी मनुष्य को भावविभोर कर देंगे या उनकी सुर्ख आँखों में कुछ नमी तो आएगी ही पर हर रोज मैं कुछ ऐसे इंसानों से रोज मिलता हु जिनको ईश्वर ने गलती से इंसान का रूप दिया है लेकिन वो या तो इंसान कहलाने लायक ही नही है या फिर उनके अन्दर की मनुष्यता मर सी गयी है जिनको शायद अपने स्वार्थ के आगे कुछ दीखता ही नही है लेकिन ऐसा क्यों है जब ऐसी परिस्थितिया देखकर मेरी आँखे नम हो जाती है तो ऐसे लोग जिनके कारण बेचारे मजबूर बच्चे अपना बचपन अपनी खुशिया अपना जीवन सब कुछ एक तरह से बेच चुके है इन ठेकेदारों के नाम कर चुके है इनको जरा भी शर्म नही आती है हे मेरे प्रभु मेरी आपसे सह्रदय विनती है की इतना पाप किसीसे क्यों कराते है जिसकी इतनी कड़ी सजा हो और ऐसे मनुष्यों को क्यों बनाते है जो मनुष्य ना होकर अमानव है ||||||||||||||||
हे ईश्वर|||||||||||||||||||||||||||||||||||
निर्मल मन ..............................

0 comments:
Post a Comment