- बात पूनम की आती है याद आती है उस चाँद की
जिसकी पलको तले बीती कई राते थी
रखके काँधे पे सर निहारते उस चाँद को
और खुदा से कहते तुमने क्या सौगात दी
एक क्या दो क्या लाखो कुर्बान है चाँद
मेरे इस चाँद से तो हंसी है नही
लोग करते है तारीफ उनकी सनम
हम तो डूबे रहे हर पल तुममे ही
हम तो डूबे रहे हर पल तुममे ही
हम तो डूबे रहे हर पल तुममे ही
तेरी माँग भर के आज तुझे
- सिन्दूरी किया था हमनेवो हर पल हर लम्हाजहन में समाया हैआज भी तू मन को मेरेअपने आँखों के दर्पण मेंआसुओ का सैलाब आया हैआंसुओ का सैलाब आया हैये उन्ही हाथो से भरी थी माँग मैंनेआज उन्ही हाथो से तेरा कन्धा उठाया हैयु अस्को की नदी में भीग गया है मन मेराकोई मांझी मुझे आज बचाने नही आया हैकी संग तेरे रहते हरदमसताते रहते थे तुम्हेतो आज उन्ही लम्हों ने मुझे खूब रुलाया हैवादा तुमने किया था साथ जियेंगे साथ मरेंगेवादा तोड़ कर तुमने आज सितम ढाया है
चुप तुम रहो चुप हम है सखी आँखों को आँखों से बात कर लेने दोकुछ ना बोलो तुम लबो से ऐ सनम बाहों को बाहों से आँखों को आँखों सेसाँसों को साँसों से मुलाकात कर लेने दो दो तडपते नयन दहकती मन की तपन ह्रदय को ह्रदय का हार बन लेने दो आलिंगन करो बाहों का बाहों से लब भी सारी हदों को तोड़ दे हो जाये हम दो जिस्म एक जान इस शराबी छुअन का एहसास कर लेने दो

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