मन में भी इक छोटा ह्रदय है
जिसकी हर धड़कन की गहराई तक जाकर विचरता हु उस
चितवन में
चारो तरफ सुन्दर सुंदर पुष्प खिले है
इधर उधर पेड़ो पर गिलहरियाँ लुकाछिपी खेल रही है
पंछी मधुर और माध्यम स्वर में कलरव कर रहे है
नीले नीले आसमा इधर उधर उड़ रहे है
कल कल करती इठलाती हुई मन की नदी बह रही है
और उसमे सजन तेरी यादे
रह रह कर मुझे तड़पा रही है
हाँ ये बिरह घड़ी जैसे इस मन
के किवाड़ को धीरे धीरे खटखटा रही है
ओ सजन आ जाओ
अब तुम बिन मेरी मद्धम मद्धम बची चन्द साँसे
जिनका कोई सहारा नही
इक झलक अपनी दिखा जाओ
ओ सजन अब तो आ जाओ
जिसकी हर धड़कन की गहराई तक जाकर विचरता हु उस
चितवन में
चारो तरफ सुन्दर सुंदर पुष्प खिले है
इधर उधर पेड़ो पर गिलहरियाँ लुकाछिपी खेल रही है
पंछी मधुर और माध्यम स्वर में कलरव कर रहे है
नीले नीले आसमा इधर उधर उड़ रहे है
कल कल करती इठलाती हुई मन की नदी बह रही है
और उसमे सजन तेरी यादे
रह रह कर मुझे तड़पा रही है
हाँ ये बिरह घड़ी जैसे इस मन
के किवाड़ को धीरे धीरे खटखटा रही है
ओ सजन आ जाओ
अब तुम बिन मेरी मद्धम मद्धम बची चन्द साँसे
जिनका कोई सहारा नही
इक झलक अपनी दिखा जाओ
ओ सजन अब तो आ जाओ


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