कभी कभी हमारे जीवन में कुछ ऐसी घटनाये घटित हो जाती है जिनके बारे में न दिल ने कभी सोचा होता है ना ही उन्हें समझने की हिम्मत ही होती है उसके अन्दर कुछ ऐसी उथल पुथल मच जाती है ये देखकर की वो सोचने और समझने की स्थिति में नही होता है जैसे सीसे की तरह कई अनगिनत टुकड़े हो जाते है और वो जब एक एक करके हमे दिलो में चुभते है तो हाय वो दर्द बहुत ही असहनीय होता है पर ये निर्मम लोग जिन्हें दया क्षमा प्यार इन सबसे कोई लेना देना ही नही होता है वो क्या जाने वो क्या समझेंगे इस दर्द को पर मई अपने इस दिल का क्या करू जो असहनीय पीड़ा से गुजर रहा है ना आह निकल पा रही है नाही जिया जा रहा है नाही मौत आ रही है और नाही कुछ और उपाय नजर आ रहा है बस और बस उप्प्रे वाले से यही दुआ कर रहा हु की ऐसा दर्द दुश्मन को भी न दो
वो तेरे सुर्ख लबो की कहानी याद आती है हा वो बीते हुए लम्हों की जवानी याद आती है की कुछ तुमने कहा था और सुना था मैंने भी तुमसे मना किया था तुमने फिर भी वो मनमानी याद आती हैवो तेरे सुर्ख लबो की कहानी याद आती है हा वो बीते हुए लम्हों की जवानी याद आती है होठ वो मय के प्याले थे केश सावन की घटाए थी बाहों में कैद थे हम तुम वो रवानी याद आती है वो तेरे सुर्ख लबो की कहानी याद आती है हा वो बीते हुए लम्हों की जवानी याद आती है न तुमने कुछ कहा कुछ पल लेकिन सुन लिया मैंने धीरे से पास आये हम अपने को खो लिया मैंने आँखों की वो ह्या और लाज हमपे बिजली गिराती है वो तेरे सुर्ख लबो की कहानी याद आती है हा वो बीते हुए लम्हों की जवानी याद आती है की कुछ तुमने कहा था और सुना था मैंने भी तुमसे मना किया था तुमने फिर भी वो मनमानी याद आती है
हा दिल बेचैन है तुम बिन कही ना चैन है तुम बिन तन्हा ये रैन है तुम बिन तडपते नैन है तुम बिन फ्जाये है हवाए है घटाए है और यादे है मरु इस भूमि में जलती बची जो चंद साँसे है धड़कन भी हो रही मद्धम की अब ना चैन है तुम बिन हा दिल बेचैन है तुम बिन कही ना चैन है तुम बिन तन्हा ये रैन है तुम बिन तडपते नैन है तुम बिन
हम डूबे हुए थे तेरी खातिर मझधार में फिर भीकी आवाज एक निकलेगी और तुम पास आओगेसाँसों की तार टूटेगी मेरी साँसों से जब भी की मै डूबूँगा और पतवार बनके पास आओगेदी आवाज हमने तुमको साँसों के निकलने तक ना आये पास मेरे तुम मेरी धड़कन के थमने तक
बस और बस मै उसे देखता रहूँगा
भर लूँगा उसे आगोश में अपने
छोडूंगा नही आखिरी सांस तक उसको
इक उम्र क्या कई जन्मो तक उसको
बस और बस मै चाहता रहूँगा उसको
भर लूँगा उसे आगोश में अपने
छोडूंगा नही आखिरी सांस तक उसको
इक उम्र क्या कई जन्मो तक उसको
बस और बस मै चाहता रहूँगा उसको
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मिल जाए मुझे भी कोई नीली छ्तरिवाला
जिसके गले में हो सर्पो की माला
हाथो में हो डमरू
और वो पहने हो मृगछाला
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प्रभु मुझे इतना भोला बना दो
की मै भोले का दीवाना हो जाऊ
मुझे भी इतना निश्छल बना दो
की मुझे तेरा दीदार हो जाये
मुझे भी अपना मित्र बना लो
की मै सभी रिश्ते नातो को भूल जाऊ
रम जाऊ तेरी भक्ति में
की मै सारे जहा को भूल जाऊ
अपने तन पर लपेटो नागो की माला
मै अपने तन पर लपेटू मृगछाला
भस्म लगालू अपने माथे पर
बन जाऊ मै भी डमरू वाला
जो रोलु चैन आता है मन हल्का हो जाता है मुस्कराहट को खोजता हु धुँआ सा फिर हो जाता है धुएं में खो जाती यादे थम जाती मद्धम ये साँसे तुम्हे देखा करे ये दिल जाने इसमें क्या पाता है देखता रहता है हर पल तेरी तस्वीर को ये दिल समझना भी बडा मुस्किल जाने क्या समझा जाता है जो रोलु चैन आता है मन हल्का हो जाता है मुस्कराहट को खोजता हु धुँआ सा फिर हो जाता है नही कोई मेरी मंजिलना इस मंझधार का साहिल है सिमटी हुई ये नदी हर लम्हा थम सा जाता है
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